भोजपूरी देवी पचरा गीत( आल्हा धुन)_ होखा सहईया

भोजपूरी देवी पचरा गीत( आल्हा धुन)_ होखा सहईया।

कालीदास मुरख के देई ज्ञान के सागर अमर ग्रंथ दियो लिखवाय।
कलकत्ते की काली माई ठाकुर परमहंस को गोद लियो बैठाय।

बिंद्याचल में बिंधवासिनी गंगा तट पर लियो आसन आपन लगाय।
जम्मू में बन वैष्णो देवी ऊंचे पहाड़ दरबार के दिहलू तू सजाय।
बंगाल में तारापीठ के शमशान घाट पर माई के दर्शन होई जाय ।

खुद गरदन काट के आपन खून योगिनिया को दियो पिलाय।
रजरप्पा के मइया मंदिर जग में  शक्तिपीठ चिन्नामस्तिका कहाय ।

कामरूप की कामख्या माई रज की देवी दुख सबका हर लेई जाय।
जौनपुर चौकियां शीतला भवानी तेरी महिमा केतनो कही ना जाय।

मुंबा देवी मुंबई में धन से झोली  सबकी हरदम भरती है जाय।
पटना की पटन देवी खाली हाथ भक्त दर से केहू लौट कबो ना पाय।

छन छन बाजे पायल खन खन कंगना विनती मोरी सुनी ना जाय।
लोहवा के खप्पर खौले झन झन झनके कटार दुखवा कटे ना पाय।

शोभे लिलार लाल बिंदिया तोहार आंख में करिया काजर सोहाय।
धावत धूपत नाचत गावत आइल शरण भारती तू होखा सहाय।
जय जय हे दुर्गा भवानी करुणा करा दुखवा हरा किरपा ना देर लगाय

श्याम कुंवर भारती
बोकारो ,झारखंड

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2 Comments

Mohammed urooj khan

23-Oct-2023 02:17 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

23-Oct-2023 08:18 AM

👌👏

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